शिक्षक दिवस के सुअवसर पर शिक्षकों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में सरकार द्वारा खत्म की जा रही उर्दू विषय के लिए आवाज़ बुलंद के लिए एक सरकारी उर्दू शिक्षक का शिक्षा मंत्री के सामने आवाज़ बुलन्द करना शिक्षा मंत्री को इतना बुरा लगा कि उर्दू शिक्षक अमीन कायमखानी को कुछ लोगों द्वारा कार्यक्रम स्थल से बाहर करवाया गया व मंत्री जी की नाराज़ी यहीं नही रुकी बल्कि उर्दू शिक्षक का निलम्बन का आदेश भी निकाल दिया जिससे साफ प्रतीत होता है कि तानाशाही सरकारें अपने खिलाफ उठने वाली हर एक आवाज़ को तबाने व कमज़ोर करने के लिए कितनी घटिया हरकत करती हैं।।
फ़्रेटर्निटी मुवमेंट के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद हाशिम ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार धीरे धीरे उर्दू विषय को खत्म कर रही है। शिक्षक भर्ती में उर्दू अध्यापक पदों की कम होती संख्या व विद्यार्थियों को समय पर उर्दू की पाठ्यपुस्तकों
का नही मिलना सरकार की नियत को साफ दर्शाता है। सरकार का उर्दू के साथ यह भेदभावपूर्ण रवैय्या राजस्थान का उर्दू प्रेमी तबका बिल्कुल भी बर्दाश्त नही करेगा।
फ़्रेटर्निटी मुवमेंट माँग करती है कि—
1- उर्दू शिक्षक अमीन कायमखानी का निलंबन तत्कालरूप से निरस्त किया जाए।
2-सरकार द्वारा उर्दू तालीम और मदरसा तालीम के सन्दर्भ में की गई बजट घोषणाओं का अक्षरशः क्रियान्वयन करवाया जाए तथा इस क्रियान्वयन में टालमटोल कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
3-शिक्षा मन्त्री श्री बीडी कल्ला को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए और जिन कांग्रेसी नेताओं ने उर्दू शिक्षक श्री अमीन कायमखानी पर हमला किया उनको कांग्रेस से निष्कासित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
4- शिक्षक भर्ती में उर्दू विषय के पदों को बढ़ाया जाए।
5-राजकीय विद्यालयों व मदरसों में अध्ययनरत उर्दू विद्यार्थियों को उर्दू की पुस्तकें फ़ौरन उपलब्ध करवाई जाएं।