नई दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women’s Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में बड़ी कामयाबी दर्ज की. सोमवार को हुए क्वार्टर फाइनल मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई. भारत की यह कामयाबी इसलिए भी बड़ी है. क्योंकि पहले तीन मैच गंवाने के बाद उस पर ओलंपिक से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन कोच शोर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) की अगुवाई में टीम ने जोरदार वापसी की और अगले तीनों मुकाबले जीते और सेमीफाइनल का टिकट कटाया.
महिला हॉकी टीम की इस जीत से पूरा देश खुश है. देश की बेटियों पर हर भारतवासी को गर्व है. ट्विटर पर लोग महिला टीम के कोच शोर्ड मारिन की तारीफों के पुल बांध रहे हैं और उनकी तुलना शाहरुख खान से की जा रही है.
बता दें कि शाहरुख खान ने 2007 में चक दे इंडिया नाम की एक फिल्म की थी. इसमें उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच का किरदार निभाया था. जिसका नाम कबीर खान था. अब महिला हॉकी टीम के कोच को भी फैंस उसी चेक दे इंडिया का कबीर खान बता रहे हैं. कोई उन्हें आज का द्रोणाचार्य बता रहा है. इतना ही नहीं, लोग उन्हें भारत के लिए हीरो बता रहे हैं और 130 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों से उन्हें जोड़कर देख रहे हैं.
एक यूजर ने लिखा कि महिला हॉकी टीम रियो में 12 टीमों में आखिरी स्थान पर रही थी और इस बार ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचीं है. ऐसे में यह बदलाव भारतीय हॉकी के लिए बहुत बड़ा है और इसका श्रेय कोच शोर्ड मारिन को जाता है.
मारिन ने खुद एक दशक तक फील्ड हॉकी खेली है. उन्हें रियो ओलंपिक के बाद टीम का कोच बनाया गया था. उनके कंधों पर हार और नाकामी से टूटी टीम को जोड़ने की जिम्मेदारी थी और उन्होंने ठीक चक दे इंडिय़ा के कबीर खान जैसे ही टीम में जान फूंकी. इसलिए लोग मारिन को असल जिंदगी का कबीर खान बोल रहे हैं. मारिन ने एक वक्त टोक्यो ओलंपिक में पिछड़ रही टीम का हौसला बढ़ाया और इसका नतीजा भी दिखा. पहले तीन मैच गंवाने के बाद भारत की बेटियों का खेल का अंदाज बदला और नतीजा सबके सामने है।